Foreign University Campus In India: भारत के कैंपस में जल्द ही विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस को भी स्थापित किया जाएगा। इस बात की जानकारी यूजीसी के चीफ एम जगदीश कुमार की ओर से साझा की गई है। उन्होंने बताया है कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन यानी यूजीसी से मंजूरी के बाद भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी के कैंपस को स्थापित किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने इससे जुड़ी कई बातें साझा की। उन्होंने बताया कि इन यूनिवर्सिटीज को शुरुआत में सिर्फ 10 साल तक के लिए ही भारत में कैंपस में पढ़ाने की इजाजत दी जाएगी।
विदेशी यूनिवर्सिटी इसको लेकर क्या बोलें यूजीसी अध्यक्ष
इसके साथ ही यूजीसी चीफ ने यह भी बताया ‘सेटिंग ऑफ एंड ऑपरेशन ऑफ केंपस ऑफ फॉर हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन इन इंडिया’ के लिए ड्राफ्ट रेगुलेशन का ऐलान किया गया है, जिसमें भारत में विदेशी यूनिवर्सिटी द्वारा केंपस स्थापित करने के लिए कुछ नियमों का पालन भी करना होगा।
गौरतलब है कि हाल ही में यूजीसी की ओर से यह खबर साझा की गई थी कि इस महीने विदेशी यूनिवर्सिटी स्कोर भारत में केंपस स्थापित करने के लिए एक ड्राफ्ट रेगुलेशन पेश करना होगा, जिसमें भारतीय यूनिवर्सिटी को विदेश में खोलने वाले नियमों की जानकारी साझा की जाएगी। वही अब इस मामले में यूजीसी के चीफ द्वारा साझा की गई जानकारी में बताया गया है कि यूजीसी फिलहाल इस बात पर खासतौर पर जोर दे रहा है कि जिन विदेशी यूनिवर्सिटी के केंपस देश में खोले जाएंगे वह फिजिकल मोड और फुल टाइम प्रोग्राम की ही पढ़ाई करा सकेंगे। उन्हें डिस्टेंस लर्निंग या ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई कराने की इजाजत नहीं होगी।
विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए लागू होंगे यूजीसी के यह नियम
- भारत में कैंप स्थापित करने वाली इन विदेशी यूनिवर्सिटीज के लिए यूजीसी की ओर से कुछ खास नियमों का पालन करना अनिवार्यता की श्रेणी में रखा गया है।
- यूजीसी के नियमों के मुताबिक भारत में स्थापित होने वाली इन विदेशी यूनिवर्सिटी को शुरुआत में सिर्फ 10 साल के लिए ही मंजूरी दी जाएगी।
- इसके साथ ही इन विदेशी यूनिवर्सिटी से फंड का आदान-प्रदान विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के मद्देनजर किया जाएगा।
- भारत में स्थापित होने वाले इन विदेशी यूनिवर्सिटी के केंपस को फुल टाइम प्रोग्राम के जरिए ही पढ़ाने की इजाजत होगी। इन्हें ऑनलाइन या डिस्टेंस एजुकेशन की इजाजत नहीं दी जाएगी।
- विदेशी यूनिवर्सिटी को इस दौरान यह खासतौर पर सुनिश्चित करना होगा कि उनके भारतीय कैंपसों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता उनके मेन कैंपस के समान ही गुणवत्ता रखती हो।
- भारत में स्थापित होने वाली इन विदेशी यूनिवर्सिटी की वेबसाइट को 2 साल के अंदर भारत में कैंपस स्थापित करना होगा। कमीशन से फाइनल मंजूरी मिलने के बाद 45 दिनों के अंदर कैंपस को ऑपरेट भी करना होगा।
फीस को लेकर क्या बोलें यूजीसी अध्यक्ष
मालूम हो कि यूजीसी के अध्यक्ष द्वारा इस मामले में साझा जानकारी में यह भी कहा गया है कि यूरोप के कुछ देशों कि यूनिवर्सिटी ने भारत में केंपस स्थापित करने में रुचि दिखाई थी। इस दौरान उन्होंने कहा कि विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत सरकार में वित्त पोषित संस्थान नहीं है। ऐसे में उनका एडमिशन प्रोसेस, फीस स्ट्रक्चर सब कुछ यह विदेशी यूनिवर्सिटी खुद ही निर्धारित करेंगी। इसमें यूजीसी की कोई भूमिका नहीं होगी। विदेशी यूनिवर्सिटीज भारत में शैक्षणिक संस्थानों के साथ गठजोड़ करके केंपस को स्थापित कर सकती हैं।
क्या लागू होगा रिजर्वेशन नियम
इस दौरान रिजर्वेशन नियम को लेकर लगातार उठ रहे सवालों का भी यूजीसी के अध्यक्ष ने स्पष्ट रूप से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इन विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस में आरक्षण नीति लागू नहीं होगी। दाखिला संबंधी नीति निर्धारण के बारे में फैसले खुद यूनिवर्सिटीज ही करेंगी। इसमें यूजीसी की किसी तरह की कोई भूमिका नहीं होगी। इसका आकलन से लेकर एडमिशन के प्रोसेस तक सबकुछ यूनिवर्सिटीज ही निर्धारित करेगी। हालांकि इस दौरान यूनिवर्सिटी छात्रों की जरूरत का आकलन करने एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों को स्कॉलरशिप देने की व्यवस्था जैसा कि अन्य विदेशी यूनिवर्सिटीज में होता है, उस नियम को यह विदेशी यूनिवर्सिटी फॉलो कर सकती हैं।