Chanda Kochhar: चंद्रा कोचर एक ऐसा नाम जो कभी भारतीय बैंकिंग सेक्टर की सबसे ताकतवर महिला के तौर पर लिया जाता था। इस दौरान चंद्रा कोचर देश के निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई की सीईओ का पदभार संभाल रही थी। वही आज इस बैंक के इस स्थिति के लिए भी चंद्रा कोचर ही जिम्मेदार है। चंदा कोचर ने साल 1984 में ICICI बैंक को ज्वाइन किया था। इस दौर में इस बैंक का नाम कोई नहीं जानता था। उस समय चंद्रा कोचर ने इस बैंक में बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी अपनी करियर की शुरुआत की थी। 22 साल की उम्र में उन्होंने नौकरी करना शुरू किया था और 47 साल की उम्र में वह इस कंपनी की सीईओ बन गई थी।
कुछ ऐसा रहा चंद्रा कोचर का सफर
चंदा कोचर ने अपने करियर की शुरुआत साल 1984 से की। इसके बाद साल 1990 के दशक में उनके कैरियर ने लंबी छलांग लगाई और ICICI बैंक के बैंकिंग सेक्टर में चंद्रा कोचर का नाम काफी सुर्खियों में रहने लगा। इतना ही नहीं चंदा कोचर को इस बैंक की कोर कमेटी में भी शामिल कर लिया गया। इसके बाद 10 सालों के अंदर चंद्रा कोचर ट्रेनी से सहायक जनरल फिर जनरल मैनेजर तक के पद पर पहुंच गई। इसके बाद अगले 2 सालों में उन्होंने डिप्टी जनरल मैनेजर का पद भी हासिल कर लिया। लगातार तरक्की के आसमान को छू रही चंद्रा कोचर जब डिप्टी जनरल मैनेजर से डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर के पद पर पहुंची, तो इस सफर में उन्होंने 10 साल की जर्नी तय की और इन 10 सालों में उन्होंने बैंकिग के बीच अपनी एक अलग पहचान बना ली।
चंद्रा कोचर के चलते ICICI बैंक को मिला अवॉर्ड
इस दौरान चंद्रा कोचर बैंक के कॉर्पोरेट और रिटेल बैंक का काम संभाल रही थी और इस पदभार को संभालते हुए ही उन्होंने अपने कामयाबी के सफर को और आगे बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक साल में उन्होंने बैंक का अंतरराष्ट्रीय कारोबार और डेढ़ साल के अंदर उन्होंने मुख्य वित्तीय अधिकारी का पदभार संभाल लिया। आलम यह रहा कि उनके नेतृत्व में ICICI बैंक 2003 से 2005 तक लगातार उत्कृष्ट रिटेल बैंकिंग का अवार्ड जीत पाया।
2009 में ICICI बैंक की सीइओ बनी चंद्रा कोचर
साल 2009 चंद्रा कोचर की जिंदगी में कई बदलाव लेकर आया, क्योंकि इसी साल उन्हें बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी का पद सौंपा गया। इसी के साथ वह भारत में किसी बैंक की सीईओ का पदभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं। इसके साथ ही फॉर्ब्स पत्रिका की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने पहली बार दुनिया की 100 सबसे ताकतवर महिलाओं की सूची में भी एंट्री करते हुए 20वां स्थान हासिल किया। बता दे भारत में इससे पहले से इसमें सोनिया गांधी का नाम ही नाम शामिल था।
यहां से शुरु हुआ चंद्रा कोचर के नाम का पतन
साल 2018 में पहली बार एक मीडिया समूह ने एक गुमनाम शख्स की शिकायत पर जांच पड़ताल शुरू की। दरअसल इस दौरान इस समूह के द्वारा चंद्रा कोचर पर रिश्वत के बदले वीडियोकॉन समूह को हजारों रुपए का ऋण देने के आरोप लगाए गए। इसके साथ ही चंद्रा कोचर के नाम के पतन का दौर शुरू हो गया।
देना पड़ा ICICI के सीइओ पद से इस्तीफा
इस लिस्ट में चंद्रा कोचर के पति दीपक कोचर का नाम भी काफी सुर्खियों में आया। जांच एजेंसियों ने चंद्रा कोचर के साथ-साथ उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ भी सबूत जुटाने शुरू कर दिए। इसके बाद जांच आगे बढ़ती गई तो मामले में होते खुलासे ने कोचर के पतन की दास्तान लिखना शुरू कर दिया। जांच आगे बढ़ने के साथ ही यह भी साफ हो गया कि चंद्रा कोचर ने ICICI बैंक को हजारों करोड़ के नुकसान की कीमत पर अपने पति की कंपनी को लाभ पहुंचाने का काम किया था। खुलासे के बाद चंद्रा कोचर को सीईओ के पद से इस्तीफा देना पड़ा और आज हालात और भी बिगड़ गए हैं।
गिरफ्तार हुई चंद्रा कोचर
बता दें कि इसी शुक्रवार की शाम को चंद्रा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को सीबीआई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान दोनों पर ही आरोप लगे हैं कि उन्होंने वीडियोकॉन ग्रुप को नियमों के खिलाफ जाकर करोड़ों रुपए का लोन दिया। उस दौरान चंद्रा कोचर ही बैंक की सीईओ और एमडी का पद संभाल रही थी। ऐसे में लोन के एनपीए होने से बैंक को कुल 1730 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
कौन है चंद्रा कोचर
चंदा कोचर ने साल 1982 में ग्रेजुएशन करने के बाद जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से मास्टर की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद साल 1984 में उन्होंने बतौर मैनेजमेंट ट्रेनी ICICI बैंक से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद ICICI बैंक में ही कई अलग-अलग पद हासिल करते हुए वह साल 2009 में इस बैंक की सीईओ और एमडी बन गई।
एक गलती ने चंद्रा कोचर को सीईओ से पहुंचाया जेल
चंद्रा कोचर और उनके पति को शुक्रवार को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है। चंद्रा कोचर पर आरोप है कि जब वह आईसीआई बैंक की सीईओ का पदभार संभाल रही थी, तो उन्होंने अपने पति दीपक कोचर की कंपनी वीडियोकॉन समूह को लोन दिया था। इस दौरान एनपीए बनते रहे। उन्होंने बतौर सीईओ अपने पति की कंपनी को मुनाफा पहुंचाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। इस मामले का खुलासा सबसे पहली बार तब हुआ जब सबसे पहले एक व्हिसल ब्लोअर अरविंद गुप्ता की शिकायत की। बता दे कि अरविंद गुप्ता वीडियोकॉन समूह में एक निवेशक थे। इसके बाद से मीडिया में इस घोटाले को लेकर लगातार खबरें प्रकाशित होने लगी। लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए आईसीआईसीआई बैंक ने भी इस मामले में जांच का फैसला कर लिया।
आज मुंबई में हुई पेशी
बता दे कि सीबीआई की टीम कोचर दंपति को दिल्ली में गिरफ्तार करने के बात आज मुंबई पेशी के लिए लेकर पहुंची है। जानकारी के मुताबित सीबीआई ने जनवरी 2019 में ये मामला दर्ज करने के बाद इस पर जांच पड़ताल शुरु की थी। जांच के दौरान इसमें मामले में कोचर दंपति के साथ-साथ और भी कई लोगों के नाम सामने आये, जिमें वेणुगोपाल धूत, वीडियोकॉन, Nupower और सुप्रीम एनर्जी का नाम भी शामिल है। बता दे इस सभी लोगों के खिलाफ इस मामले में केस दर्ज किया है।