Raju Srivastav Special Story: राजू श्रीवास्तव ने इसी साल 21 सितंबर दुनिया को अलविदा कह दिया। राजू श्रीवास्तव के निधन ने कॉमेडी की दुनिया के साथ-साथ उनके परिवार, एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों को बड़ा झटका दिया और सभी को रुला कर दिया। राजू श्रीवास्तव आज अगर जिंदा होते तो अपना 59 वां जन्मदिन मनाते। राजू श्रीवास्तव कॉमेडी की दुनिया का वह चेहरा थे, जिन्होंने अपनी कॉमेडी से हर किसी को खूब हंसाया है। ऐसे में जब उनका निधन हुआ तो हर किसी ने यही कहा कि- लोगों को जमकर हंसाने वाला उन्हें रुला कर चला गया।
खास अंदाज में जन्मदिन पर ‘राजू’ को परिवार ने किया याद
राजू श्रीवास्तव जब तक जिंदा थे, तब तक उन्हें कभी भी अपना जन्मदिन मनाने का मौका नहीं मिला, क्योंकि राजू श्रीवास्तव अपने कैरियर के चलते हमेशा काफी बिजी शेड्यूल को फॉलो करते थे। ऐसे में अपना जन्मदिन मनाने का मौका उन्हें कभी भी नहीं मिल पाया, लेकिन आज उनका परिवार उनके जाने के बाद उनके जन्मदिन पर गरीबों को राशन, कंबल बांटकर उन्हें याद कर रहा है। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लखनऊ, कानपुर में कई रास्तों के नाम राजू श्रीवास्तव के नाम पर रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है।
दीपू श्रीवास्तव ने किया भाई राजू श्रीवास्तव को याद
हाल ही में राजू श्रीवास्तव के भाई दीपू श्रीवास्तव ने न सिर्फ उन्हें याद किया, बल्कि उन से जुड़ी कई ऐसी बातों को भी साझा किया, जिसे सुनकर आप की भी आंखें नम हो जाएंगी। इस दौरान उन्होंने राजू श्रीवास्तव के सफर पर भी खुलकर बात की और बताया कि राजू श्रीवास्तव ने द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज से अपने जीवन सफर की शुरुआत की थी। द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज में काम करने के बाद इतने बिजी हो गए थे कि कभी भी उनके पास परिवार से मिलने के लिए समय नहीं रहता था। कई बार तो ऐसा भी हुआ कि भाभी और बच्चों के साथ हम लोग उनसे मिलने एयरपोर्ट पर ही जाया करते थे।
मिलने के लिए जाना पड़ता था एयरपोर्ट
उन्होंने कहा द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज के बाद राजू श्रीवास्तव को दुनिया का इतना प्यार मिला कि वह बहुत बिजी हो गए। एक दिन भी परिवार से मिलने के लिए समय निकाल पाना उनके लिए मुश्किल हो गया था। एक महीने में लगातार 25 शोज भी किया करते थे। 5 दिन बचे थे तो उसमें भी हम लोग उनसे मिलने एयरपोर्ट पर ही जाते थे। वह फोन करते थे कि मैं चेन्नई से उतर रहा हूं, तुम लोग मिलने आ जाओ। भाभी और बच्चों के साथ मैं उनसे मिलने एयरपोर्ट पर जाता था।
40 साल तक पूरे भारत को हंसाया
दीपू श्रीवास्तव ने कहा कि इस दौरान जब वह अपने आने की सूचना देते, तो मैं उनसे कहता कि कुछ देर के लिए घर आ जाइए, तो वह कहते कि 2 घंटे का समय है… गोवा के लिए निकलना है, तुम लोग आ जाओ… मुलाकात हो जाएगी। वह इतने व्यस्त है कि उनके पास कभी भी अपना जन्मदिन मनाने का भी समय नहीं होता था। उनके जन्मदिन पर अक्सर उनका कोई ना कोई शो आ जाता था। ऐसे में उनका जन्मदिन परिवार में कभी नहीं मनाया गया। वह अपने काम को हमेशा प्राथमिकता देते थे। यही वजह थी कि उन्होंने 40 सालों तक देश को हंसाया।
भाई को देखकर ही शुरु की कॉमेडी
राजू श्रीवास्तव के भाई दीपू श्रीवास्तव ने इस दौरान यह भी बताया कि उन्होंने अपने भाई से बहुत कुछ सीखा है। भाई राजू मेरे हमेशा आदर्श और गुरु रहे हैं। 22 साल तक उन्होंने अपनी छत्रछाया में रख कर मुझे बहुत कुछ सिखाया। आज मैं भी 13 देशों में कुल मिलाकर 1800 शो कर चुका हूं। डॉक्टर कहते हैं कि लाफ्टर इस द बेस्ट मेडिसिन… लेकिन मैं कहता हूं कि सबसे पहले लाफ्टर बाकी सब आफ्टर… किसी को खुलकर हंसाना सबसे बड़ी बात है। राजू भाई मुंबई 40 साल पहले 1982 में गए थे। मुंबई से ही उन्होंने अपने सफर की शुरुआत की थी।
जब भी कानपूर आते तो 20 रुपए देते थे
दीपू श्रीवास्तव ने कहा कि मैं उनसे 8 साल छोटा हूं। हम 6 भाई और एक बहन है। 7 लोगों में मैं सबसे छोटा हूं। जब भी राजू भैया कानपुर आते थे, तब हमेशा मुझे ₹20 देते थे। उस समय मैं सोचता था कि हमारा भाई हीरो बन गया होगा तभी ₹20 मुझे देते हैं लेकिन इस दौरान वह घर में सिर्फ एक ₹2 ही दे पाते थे।
ये तो हीरो है- सलमान खान
1989 में फिल्म मैंने प्यार किया की शूटिंग चल रही थी, इस दौरान मैं मुंबई घूमने गया। पुष्पक एक्सप्रेस से दादर स्टेशन पर उतरा तो राजू भाई मुझे वहां लेने आए थे। उस समय राजू भाई एंटॉप हिल में एक छोटे से कमरे में तीन चार लोगों के साथ रहा करते थे। एक दिन तैयार होकर सुबह निकल रहे थे, तब मैंने उसे पूछ लिया कि सुबह-सुबह आप कहां जा रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि एक फिल्म मैंने प्यार किया की शूटिंग है, उसमें मेरा एक छोटा सा रोल है।
बस वही करने जा रहा हूं। तुम भी घूमने चलो। तब मुझे लगा कि मेरा भाई हीरो बन गया है। शूटिंग चल रही है… लंच ब्रेक में एक दुबले पतले लड़के के साथ बैठकर मैं भी खाना खा रहा था। तब मैंने उसे पूछा कि आखिर यह लड़का कौन है… तब राजू भैया ने मुझे बताया कि- यह तो हीरो है सलमान खान।
कॉमेडी का सफर भाई के साथ किया शुरु- दीपू श्रीवास्तव
इसके आगे दीपू श्रीवास्तव ने कहा कि साल 1993 में 17 मई को मेरे भाई की शादी शिखा भाभी से हुई, तो मैं हमेशा के लिए भाई के साथ ही आ गया। उस समय राजू भाई मलाड के जनकल्याण नगर में रहते थे। उस समय मैं भाई के पास मारुति 800 कार कार चलाया करता था। भाई के शो देख देख कर ही मैंने कॉमेडी करने के बारे में सोचा। मैंने सोचा कि मैं भी सबको हंसा लूंगा। इसके बाद में मुंबई में दो-तीन साल खूब घूमा। उसके बाद साल 1996 में कानपुर वापस आ गया। कानपूर में रहते हुए 2 साल तक आर्केस्ट्रा में एक्टिंग की। इस दौरान लोगो ने मेरे काम को देख कर मुझसे कहा कि तुम यहां क्या कर रहे हो, तुम मुंबई जाओ। तुम्हारे भाई का तो कैसेट निकल रहा है। फिर साल 1998 में मैं अटैची उठा कर फिर से मुंबई आ गया।
पहले बार मिले 300 रुपये
यहां आकर मैंने राजू भाई से कहा कि हम भी हसाएंगे। इसके बाद भाई ने कहा इसमें तो बहुत संघर्ष है। मैंने बहुत संघर्ष किया है, तुम नहीं कर पाओगे। इसके जवाब में मैंने कहा- जितना हो सकेगा करूंगा। हमको भी हंसाने में मजा आता है। हम भी सबको जोक सुनाएंगे। फिर भाई ने मुझे एक शो दिया और बोले आर्केस्ट्रा की पूरी टीम लेकर हैदराबाद जाओ और शो खत्म होने के बाद सब को वापस लाना। वहां तुम्हारा मन लगे तो कॉमेडी कर लेना। मैंने वहां स्टेज पर 5 मिनट कॉमेडी की और फिर जब मैं मुंबई लौटा, तब सभी ने भैया को बताया कि दीपू ने बहुत बढ़िया कॉमेडी की। लोगों से काफी इंजॉय कर रहे थे। यह सब सुनने के बाद राजू भाई ने खुश होकर मुझे ₹300 दिए।
राजू श्रीवास्तव ने खरीदा अपना ही पुश्तैनी मकान
राजू श्रीवास्तव का किदवई नगर में पुश्तैनी मकान है। उनके पिता ने साल 1993 में 3 लाख में इसे बेच दिया था, जिसे 10 गुना कीमत चुका कर साल 2006 में 30 लाख रूपए में राजू श्रीवास्तव में वापस खरीदा था। दीपू श्रीवास्तव ने बताया कि इस घर में मुझसे बड़े भाई धर्म प्रकाश श्रीवास्तव रहते थे, जिन्हें लोग काजू भैया के नाम से जानते हैं।
6 भाई और एक बहन है राजू श्रीवास्तव
राजू श्रीवास्तव के सबसे बड़े भाई का नाम प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव है, जो सिंचाई विभाग में बतौर इंजीनियर काम कर चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद से वह लखनऊ में ही रहते हैं। राजू श्रीवास्तव के दूसरे नंबर के भाई का नाम चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव है, वह एयर फोर्स में फ्लाइंग ऑफिसर के तौर पर काम कर चुके हैं और आज दिल्ली में अपने परिवार के साथ रहते हैं। राजू श्रीवास्तव के तीसरे भाई का नाम ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव है, जो कानपुर में किराए की दुकान चलाते है। इसके अलावा राजू श्रीवास्तव की एक बहन भी है सुधा श्रीवास्तव, जिनकी शादी कानपुर में ही हुई है। चौथे नंबर पर राजू श्रीवास्तव है और पांचवे नंबर पर उनके भाई धर्म प्रकाश श्रीवास्तव है, जो कानपुर में ही रहते हैं और सरकारी नौकरी करते हैं। इसके बाद सबसे छोटे दीपू श्रीवास्तव है।