AIIMS director Dr Randeep Guleria VRS: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के पूर्व निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) ले ली है। यहां हैरान होने वाली बात यह है कि उनकी रिटायरमेंट में अभी 2 साल का समय बाकी था। ऐसे में अपने कार्यकाल के पूरा होने से पहले ही उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट (Dr Randeep Guleria Taken Voluntary Retirement) ले कर सभी को हैरान कर दिया है। एम्स के निर्देशक के रूप में उनका साढ़े 5 साल का कार्यकाल 23 सितंबर को समाप्त हो गया था, जिसके बाद उन्होंने वीआरएस (VRS) यानि वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन किया था। वही अब उनका आवेदन मंजूर कर लिया गया है।
कोरोना काल में महत्वपूर्ण रही डॉ गुलेरिया की भूमिका
गौरतलब है कि कोरोना महामारी के संकट के समय डॉक्टर गुलेरिया द्वारा दी जा रही एडवाइस को लगभग पूरा देश ना सिर्फ सुनता था, बल्कि उसे मानता भी था। वहीं सरकार की तरफ से कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले लोगों में से डॉक्टर गुलेरिया भी एक थी। उन्होंने महामारी से संबंधित हर पहलू पर लोगों को जागरूक करने एवं सरकारी आदेशों का प्रचार प्रसार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बता दे डॉ रणदीप गुलेरिया ने साल 1992 में एम्स के सहायक प्रोफेसर पद से शुरुआत की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2011 में पल्मोनरी क्रिटिकल केयर और स्लिप चिकित्सा विभाग का गठन भी किया। अपने 30 साल के सेवा कार्यकाल में डॉ रणदीप गुलेरिया महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए कई विभागों का नेतृत्व किया।
30 सालों का रहा डॉक्टर गुलेरिया का एम्स में कार्यकाल
डॉ प्रदीप गुलेरिया ने एम्स में 30 सालों तक सेवा की है। इन 30 सालों में उनका करियर कई अलग-अलग विभागों से गुजरा है। इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल शिमला से अंडर ग्रेजुएट की डिग्री लेने वाले गुलेरिया ने देश के सबसे बड़े संस्थान के निदेशक तक पहुंचने के लिए कई अलग-अलग पदों से अपना सफर तय किया है। 28 मार्च 2017 को डॉ रणदीप गुलेरिया की नियुक्ति के एम्स के निर्देशक के तौर पर हुई थी। इस दौरान उन्हें 5 साल के कार्यकाल की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उनका कार्यकाल 24 मार्च को समाप्त होना था, लेकिन 3 महीने इसे बढ़ा दिया गया जिसके बाद यह 24 सितंबर को खत्म हुआ।
एम्स के निदेशक के तौर पर अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए अप्लाई कर दिया था। हालांकि उनका रिटायरमेंट काल साल 2024 तक पूरा होना था, लेकिन पहले ही अप्लाई करने के चलते इसे स्वीकार कर लिया गया है और डॉ रणदीप गुलेरिया ने वॉलंटरी रिटायरमेंट ले ली है।
डॉक्टर रणदीप गुलेरिया है देश के सबसे बड़े पल्मोनोलॉजिस्ट
रणदीप गुलेरिया के नाम वैसे तो मेडिकल इंडस्ट्री में कई बड़े-बड़े खिताब जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही गुलेरिया को देश का सबसे बड़ा पल्मनोलॉजिस्ट भी कहा जाता है। इसके साथ ही डॉक्टर रणदीप गुलेरिया को देश का सबसे बड़ा मेडिकल एक्सपोर्ट माना जाता है। बता दे रणदीप गुलेरिया ने पोस्ट ग्रेजुएशन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ से किया था। यहीं से उन्होंने अपनी एमडी की डिग्री हासिल की थी। इसके अलावा पलमोनरी मेडिसिन में एमडी की डिग्री भी ले चुके हैं। इसके बाद साल 1992 में उन्होंने एम्स में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर ज्वाइन किया था।
5 अप्रैल 1959 को पैदा हुए डॉक्टर गुलेरिया 63 साल के हो गए हैं, लेकिन अभी भी उनकी रिटायरमेंट में 2 साल का समय बाकी था। 2017 में एम्स के निदेशक के तौर पर नियुक्त हुए रणदीप गुलेरिया की रिटायरमेंट 2024 में होनी थी, लेकिन उनकी वॉलंटरी रिटायरमेंट के चलते रिटायर हो चुके हैं। बता दे डॉ गुलेरिया को एम्स में देश का पहला पल्मोनरी मेडिसिन और स्लीप डिसऑर्डर सेंटर स्थापित करने का श्रेय भी दिया जाता है।