Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली से मुंबई का सफर अब महज 12 घंटे में तय किया जा सकता है। दरअसल इसके लिए दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। बता दें दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का काम 2 फेस में किया जा रहा है। इस कड़ी में दिल्ली से बड़ोदरा और वडोदरा से मुंबई तक 2 फेस में चल रहे इस एक्सप्रेस वे के काम को तेजी से किया जा रहा है। इस बात की जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने साझा की है। साथ ही उन्होंने बताया कि पहले फेस में दिल्ली से बड़ोदरा तक के एक्सप्रेसवे का काम कहां तक पहुंच गया है।
नितिन गडकरी ने सोशल मीडिया पर फोटो के साथ एक जानकारी साझा करते हुए बताया कि यह वर्ल्ड क्लास एक्सप्रेसवे नए भारत की आर्थिक प्रगति में सहयोग देगा। दिल्ली से मुंबई 8 लेन का एक्सप्रेस वे देश की राजधानी दिल्ली से आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच बनाया जा रहा है। यह दोनों को आपस में जोड़ेगा।
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे का रूट
ऐसे में बात अगर दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के रूट की करें तो बता दें कि यह एक्सप्रेसवे हरियाणा, गुरुग्राम के राजीव चौक से शुरू होकर मेवात, जयपुर, कोटा, भोपाल, अहमदाबाद होते हुए मुंबई जाएगा। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक दिल्ली से मुंबई जाने में 20 घंटे के बजाय अब महज 12 घंटे में यह सफर तय किया जा सकेगा। इस एक्सप्रेस वे से लोग अपनी निजी वाहन के जरिए बड़ी आसानी से यह सफर तय कर सकते हैं। बता दें इससे ना सिर्फ उनका समय बचेगा, बल्कि उनकी ट्रेन और फ्लाइट पर निर्भरता भी लगभग खत्म हो जाएगी।
कम हो जाएगी दिल्ली से मुंबई की दूरी
दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के निर्माण के साथ ही लोगों के लिए दिल्ली से मुंबई जाने के लिए ट्रेन के बजाय सड़क मार्ग बेहतर विकल्प बन जाएगा। बता दे मौजूदा समय में दिल्ली से मुंबई की सड़क की दूरी 1450 किलोमीटर की है। एक्सप्रेस-वे के निर्माण के बाद यह दूरी घटकर 1350 रह जाएगी। जनवरी 2023 तक इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेसवे को जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट तक बढ़ाया जाएगा।
कम हो जाएगा माल धुलाई का खर्चा
इस कड़ी में 1350 किलोमीटर के इस एक्सप्रेस वे के शुरू हो जाने के बाद रोजाना 8.76 लीटर और सालाना करीब 320 मिलियन लीटर पेट्रोल की बचत भी की जा सकेगी। मंत्रालय द्वारा साझा जानकारी के मुताबिक इस एक्सप्रेस-वे से माल ढुलाई करने के खर्च में भी कमी आएगी। इस तरह एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच आर्थिक गठजोड़ को भी मजबूत करेगा। मालूम हो कि इस एक्सप्रेसवे और आसपास पडने वाले शहरों में लॉजिस्टिक खर्च भी 8.9 फ़ीसदी की बचत करेगा।
रिजर्व फॉरेस्ट से गुजरेगा ये दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे
जानकारी के मुताबिक नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का कहना है कि इस एक्सप्रेस-वे को कुछ इस तरीके से डिजाइन किया जा रहा है कि आने वाले समय में जरूरत पड़ने पर इसे 8 प्लेन से 12 लाइन का किया जा सके। साथ ही इसका निर्माण इस तरीके से किया जा रहा है कि इसके निर्माण के दौरान पेड़ों को कम काटना पड़े। 1350 किलोमीटर का यह एक्सप्रेसवे 20 किलोमीटर तक रिजर्व फॉरेस्ट से होकर गुजर रहा है।