Earthquake in delhi : दिल्ली एनसीआर (Earthquake In Delhi NCR) में बीते कुछ घंटों में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। लगातार आ रहे इन भूकंप के झटको से कई इलाकों में लोग खौफ में है। बता दे बीते 1 हफ्ते में यह दूसरी बार है जब दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर पैमाने पर इन भूकंप के झटकों की तीव्रता 5.4 दर्ज की गई है।
कहां रहा भूकंप का केंद्र
इस दौरान भूकंप के इन तेज झटकों का केंद्र नेपाल रहा है। दिल्ली-एनसीआर में आए भूकंप के झटकों के बाद लोग घरों और ऊंची इमारतों के बाहर निकाल आ गए थे। बार-बार आ रहे इन भूकंप के झटको से लोगों में दहशत का माहौल है। गाजियाबाद की राजधानी दिल्ली के साथ इससे सटे नोएडा और गुरुग्राम में भी लोगों ने भूकंप के झटके महसूस किए हैं। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र द्वारा इस भूकंप के झटकों को लेकर साझा की गई जानकारी में बताया गया कि भूकंप 12 नवंबर की शाम 7:57 पर आया था। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर नीचे था।
6 लोगों की हो गई थी मौत
बता दे इससे 3 दिन पहले यानी 9 नवंबर को भी दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस दौरान रात को 1:57 पर भूकंप के झटके महसूस हुए। भूकंप की तीव्रता 6.3 दर्ज की गई थी और इसका केंद्र नेपाल ही था। बता दे यह चीन में भी महसूस किया गया था। भूकंप का केंद्र जमीन के 10 किलोमीटर की गहराई में था ।ये झटका काफी तेज था और इस दौरान 6 लोगों की मौत की खबर भी सामने आई थी।
वही वैज्ञानिक दृष्टिकोण के मुताबिक हिमाचल क्षेत्र के बड़े भूकंप की आशंका जताई जा रही है। वैज्ञानिकों का कहना है कि हिमालय भूकंप के दृष्टिकोण से बेहद संवेदनशील क्षेत्र है ।यहां पर बड़ा भूकंप आने की भी संभावनाएं बनी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि बड़े भूकंप से डरने के बजाय उसका सामना करने के लिए हमें पहले ही पुख्ता तैयारियां करने की आवश्यकता है।
दिल्ली पर मंडरा रहा 7.9 की तीव्रता के भूंकप का खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि फिलहाल अभी तक आए भूकंप के झटके खतरनाक नहीं थे, लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली पर बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि राजधानी दिल्ली में कभी भी 7 से लेकर 7.9 की तीव्रता से जोरदार भूकंप आ सकता है। वही इस तीव्रता का भूकंप राजधानी दिल्ली में काफी बड़े स्तर पर तबाही मचा सकता है। याद दिला दें कि साल 2015 में नेपाल में भूकंप ने तबाही मचाई थी उसकी तीव्रता 7.8 थी।
ऐसे में भू-विज्ञान मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में अगर 6 रिक्टर स्केल से अधिक की तीव्रता का भूकंप आता है, तो यहां बड़े पैमाने पर जानमाल की हानि हो सकती है। इतना ही नहीं राजधानी दिल्ली में बनी आधे से अधिक इमारतें तो इन झटकों को झेल भी नहीं पाएंगे। घनी आबादी की वजह से यहां भारी जान-माल की हानि हो सकती है। ऐसे में लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है।
किन इलाकों पर मंडरा रहा भूकंप का खतरा
सिस्मिक हजार्ड माइक्रोजोनेशन ऑफ दिल्ली के नाम से जारी की गई रिपोर्ट में राजधानी दिल्ली को 3 जोनों में विभाजित किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा खतरा जमुना नदी के किनारे के ज्यादातर इलाकों जैसे उत्तरी दिल्ली का हिस्सा और दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली का हिस्सा शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा खतरे वाले जोन में दिल्ली यूनिवर्सिटी का नॉर्थ केंपस, सरिता विहार, गीता कॉलोनी, पश्चिम विहार, शकूरपुर, रिठाला, वजीराबाद, रोहिणी, बवाना, करोलबाग, जनकपुरी, जहांगीरपुरी है।
वही दूसरे सबसे बड़े खतरे वाले जोन में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, नजफगढ़ और बुराड़ी शामिल है। दिल्ली के लुटियंस जोन में भी भूकंप को लेकर हाई रिस्क अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि यहां खतरा उतना नहीं है। इसके अलावा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, छतरपुर, एम्स, नरायणा को सुरक्षित जोन में रखा गया है। साथ ही हौज खास के साथ-साथ तमाम मंत्रालय, वीआईपी आवास और संसद निवास स्थानों को भी कम खतरे वाले जोन में रखा गया है।