Dronacharya Aerial Innovations: बदलते दौर के साथ लोगों के रहन-सहन का तरीका भी बदलने लगा है। ऐसे में इस बदलाव में ड्रोन सबसे बड़ा रोल निभाएगा, जिसके बाद आने वाले दिनों में आपका और आपके घर कोई इंसान नहीं बल्कि एक ड्रोन आपका पार्सल लेकर आएगा। जी हां आप सही पढ़ रहे हैं… आपके खाने, कपड़े या दवाइयों…. जिस भी समान कि आप ऑनलाइन डिलीवरी के लिए ऑर्डर करेंगे, तो आपके घर तक ड्रोन के जरिए पहुंचाई जाएगी और वह भी पहले के मुकाबले ज्यादा जल्दी। क्या है यह नई ड्रोन सर्विस और कैसे काम करेगी ड्रोन इंडस्ट्री…? आइए हम आपको इसकी डिटेल बताते हैं।
तेजी से बढ़ रहा ड्रोन इंडस्ट्री का कारोबार
ऐसे में यह तो साफ है कि आने वाले दिनों में ड्रोन इंडस्ट्री इंडियन बिजनेस वर्ल्ड में एक बड़ी इंडस्ट्री के तौर पर उभरने वाली है। ड्रोन सर्विस के जरिए खेतों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव से लेकर बुवाई, दवाई की सप्लाई, खाने की सर्विस, कपड़े की डिलीवरी या और कोई भी सामान ड्रोन सर्विस के जरिए जल्द से जल्द तक पहुंचाया जा सकता है। ऐसे भी आज हम ड्रोन इंडस्ट्री के एक ऐसे स्टार्टअप बिजनेस के बारे में बात कर रही है, जिसकी चर्चा इस समय काफी सुर्खियां बटोर रही है। यह स्टार्टअप है- ड्रोनआचार्य एरियल इन्वेंशन…
क्या है ड्रोनआचार्य एरियल इन्वेंशन?
ड्रोनआचार्य एरियल इन्वेंशन… एक ऐसे ड्रोन की तरह काम करता है, जिसकी टेक्नोलॉजी पूरी दुनिया की सिर्फ कुछ कंपनियों के पास ही मौजूद है। इतना ही नहीं यह एक ऐसा ड्रोन है जिसे दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर बड़ी आसानी से ऑपरेट किया जा सकता है। इसके जरिए कारोबार करना भी बेहद आसान है। इंडस्ट्री में स्टार्टअप कंपनी आने वाले दिनों में किन ऊंचाईयों को छूती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।
दोगुना हुए इसके शेयर के दाम
वहीं इस ड्रोन इंडस्ट्री की कंपनी का IPO आज BSE SME एक्स एक्स चेंज पर ₹102 प्रति शेयर में लिस्ट हुआ, जो इसके शेयर प्राइस 54 रुपए प्रति शेयर से लगभग 90% ज्यादा है या यूं कहे कि लगभग 2 गुना है। साथ ही बता दें कि ₹102 पर लिस्ट होने के बाद शेयर की कीमत 5% अप्पर सर्किट के साथ 107.2 10 रुपए पर पहुंच गया है। बता दे यह शेयर ₹96 90 पैसे के निचले स्तर पर भी रहा है। मौजूदा समय में यह 107.10 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
आमिर और रणबीर ने भी खरीदे इसके मॉनेटरी स्टेक
इसके अलावा इसका SME IPO 62.9 लाखों के लिए 13 से 15 दिसंबर तक खुला था। कंपनी के मुताबिक 34 करोड़ के ईशू साइज के मुकाबले यह 243.70 गुना यानी करीब 6000 करोड रुपए से भी ज्यादा के शेयरों की डिमांड पर मिला था। इसके साथ ही बता दे कि इसके फ्री आईपीओ राउंड में बॉलीवुड इंडस्ट्री से रणबीर कपूर और आमिर खान जैसे दिग्गजों ने भी मॉनेटरी स्टेक खरीदी है। ऐसे में आप खुद ही समझ सकते हैं कि इस कंपनी ने कितने बड़े स्तर पर लोगों के बीच अपनी पहचान खड़ी की है।
भारत बनेगा ड्रोन इंडस्ट्री हब
खास बात यह है कि ड्रोन टेक्नोलॉजी इस समय पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बनी हुई है, तो वहीं भारत भी अब इसे चर्चा के दायरे से बाहर नहीं है। भविष्य में एडवांस ड्रोन और क्या-क्या काम करेंगे, यह तो आने वाले वक्त नहीं पता चलेगा। ऐसे में लोगों के मन में ड्रोन इंडस्ट्री को लेकर कई अलग-अलग तरह के सवाल उठने लगे हैं, जिनमें से यह भी एक कॉमन सवाल है कि- क्या 2030 तक भारत ड्रोन का मैन्युफैक्चरिंग हब बन जाएगा? इंडस्ट्री में रोजगार की क्या क्या संभावना है, जिसका फायदा सीधे तौर पर आम लोगों को हो सकता है? भारत में रोजगार के स्तर पर लोन इंडस्ट्री कौन-कौन से स्टार्टअप लाती है? हालांकि बता दे यह सबकुछ ड्रोन टेक्नोलॉजी पर निर्भर करता है।
भारत में 5 साल पहले शुरू हुआ था ड्रोन स्टार्टअप
बता दें कि भारत में ड्रोन इंडस्ट्री की शुरुआत 5 साल पहले हुई थी। ऐसे में ड्रोनआचार्य पुणे में बेस्ड एक स्टार्टअप है, जिसके को फाउंडर प्रतीक श्रीवास्तव है। उन्होंने मुख्य तौर पर ड्रोन इंडस्ट्री में 3 तरह के कारोबार की शुरुआत की है, भारत में डॉन इंडस्ट्री का पहला कदम है।
- ड्रोन पायलट ट्रेनिंग
- ड्रोन सर्विस
- ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग
DGCA से सर्टिफाइड होगा ड्रोन
ड्रोन इंडस्ट्री में इन कंपनी के डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन से ड्रोन पायलट ट्रेनिंग के लिए लाइसेंस भी लिया है। DGCA से सर्टिफाइड पायलट 25 किलो तक कोई भी ड्रोन उड़ा सकते हैं। बता दे यह सर्टिफिकेट 10 साल के लिए होते हैं। ऐसे में इसे लेकर सामने आए अनुमानित आंकड़ों के आधार पर बात करें तो बता दें कि आने वाले दिनों में देश में लगभग एक लाख से ज्यादा ड्रोन पायलट की जरूरत होगी।
किस तरह काम करेगा ड्रोन
बात ड्रोन के काम की करें तो बता दें कि सर्विस में ड्रोन उड़ा कर डाटा कलेक्ट किया जाता है। इतना ही नहीं कस्टमर की डिमांड के हिसाब से डाटा की मॉडलिंग भी ड्रोन के जरिए की जा सकती है। ड्रोन के जरिए जो डाटा जमा किया जाएगा, उसमें फसल के उगने से लेकर फसल की हेल्प रोड बनाने की प्रोग्रेसिव रिपोर्ट से लेकर कंपनी कार्बन फाइनेंस पर वर्ल्ड बैंक के एक प्रोजेक्ट पर काम किया जा सकता है।
अलग-अलग तरह के ड्रोन लायेगी कंपनी
इसके साथ ही बता दें कि यह स्टार्टअप कंपनी अगले फाइनेंशियल ईयर से ड्रोन की मैन्युफैक्चरिंग भी शुरू कर देगी। इतना ही नहीं कंपनी अभी एक ऐसे ड्रोन को लेकर काम कर रही है, जिस दुनिया के किसी भी कोने में बैठकर ऑपरेट किया जा सकता है। साथ ही यह जो 24 घंटे 7 दिन हवा में रहकर लाइव फीडबैक देने में भी सक्षम होगा। इसके अलावा कंपनी बनाएगी अंडर वाटर ड्रोन और अंडर ग्राउंड के तौर पर काम कर सके।
ड्रोन के कुछ खास फीचर को लेकर फोकस कर रही कंपनी
इस स्टार्टअप कंपनी के फाउंडर एमडी प्रतीक श्रीवास्तव ने हाल ही में एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बताया कि उन्हें मैन्युफैक्चरिंग और पायलट ट्रेनिंग में सबसे ज्यादा स्कोप नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं इसकी सर्विस में 250 से ज्यादा कंपनियां काम कर रही है, इसलिए इसमें उनकी कंपनी का सबसे ज्यादा फोकस उसके फीचर्स को लेकर है। कंपनी की ग्रोथ स्टोरी को लेकर एमडी प्रतीक श्रीवास्तव का कहना है कि कोरोना महामारी के कम होने के बाद 2021 में उनकी कंपनी ने रफ्तार पकड़ी है और आने वाले समय में और भी तेजी से काम करेगी।
देश में 1 लाख ड्रोन
साथ ही उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री में भारत को ऐसे लोगों की जरूरत है, जो ड्रोन डेवलपमेंट और ड्रोन ऑपरेट करने के काम में दिलचस्पी रखते हैं। बीते दिनों सिविल एवियशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी इस मामले को लेकर कहा था कि देश को आने वाले दिनों में 1 लाख ड्रोन पायलट की जरूरत होगी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि साल 2030 में भारत ग्लोबल लेवल पर ड्रोन हब बनने की क्षमता रखता है। भारत जल्द ही ड्रोन इनोवेशन को अपनाने के लिए इंडस्ट्री की एक बड़ी संख्या का गवाह भी बनेगा। आने वाले समय में भारत का यह बदलाव वैश्विक स्तर पर एक नई क्रांति लेकर आएगा।
कितने तरह के होते हैं ड्रोन (How many types of drones are there)
ड्रोन के टाइप की बात करें, तो बता दे कि विंग टाइप के हिसाब से ड्रोन को चार कैटेगरी में बांटा गया है। ऐसे में भारत में ड्रोन के आकार के अनुसार इसे 3 अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया है, जिनमें से नीचे दिए गए ड्रोन के प्रमुख प्रकार है।
- नैनो ड्रोन- ये ड्रोन 250 ग्राम से कम या इसके बराबर वजन का होता है। बता दे भारत में इस तरह के ड्रोन उड़ाने के लिए किसी भी लाइसेंस या परमिट की जरूरत भी नहीं होती है।
- माइक्रो और स्मॉल ड्रोन- इसके अलावा इस वजन के ज्यादा वजन के ड्रोन की बात करे माइक्रो ड्रोन का नाम आता है, जोकि 2 किलो से कम होता है। स्मॉल ड्रोन का वजन 2 किलो से ज्यादा लेकिन 25 किलो से कम होता हैं।
- मीडियम और लार्ज ड्रोन- इसके अलावा मीडियम ड्रोन का वजन 25 किलोग्राम से ज्यादा, लेकिन 150 किलोग्राम से कम होता है, जबकि लार्ज ड्रोन का वजन 150 किलो से ज्यादा होता है।